पदार्थ की एक अवस्था है, जिसकी पहचान पदार्थ की संरचनात्मक दृढ़ता और विकृति (आकार, आयतन और स्वरूप में परिवर्तन) के प्रति प्रत्यक्ष अवरोध के गुण के आधार पर की जाती है।
3.
ठोस (solid) पदार्थ की एक अवस्था है, जिसकी पहचान पदार्थ की संरचनात्मक दृढ़ता और विकृति (आकार, आयतन और स्वरूप में परिवर्तन) के प्रति प्रत्यक्ष अवरोध के गुण के आधार पर की जाती है।
4.
कष्ट के विपरीत, जो मनुष्य की बुनियादीआवश्यकताओं की तुष्टि के प्रत्यक्ष अवरोध का परिणाम होता है, भयप्राक्कल्पनात्मक (hypothetical) हानि की प्रत्याशा से जन्म लेता है औरमनुष्य को एक अनिश्चित (प्रायः अतिरंजित) पूर्वानुमान के अनुसार कार्यकरने को उकसाता है।